सूख गया अब
सूख गया अब
मेरी आँखों में
जो समाया था
तेरे प्यार का समन्दर
तेरे दर्द की काई ने
ज़र्द कर दिया था
इस समन्दर को
हिमांशु Kulshrestha
सूख गया अब
मेरी आँखों में
जो समाया था
तेरे प्यार का समन्दर
तेरे दर्द की काई ने
ज़र्द कर दिया था
इस समन्दर को
हिमांशु Kulshrestha