बाण मां सू अरदास
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
हमारे पास हार मानने के सभी कारण थे, लेकिन फिर भी हमने एक-दूस
हम कुछ कार्य करने से पहले बहुत बार कल्पना करके और समस्या उत्
सब्र रखो सच्च है क्या तुम जान जाओगे
*सेवा-व्रतधारी सदा राष्ट्र, सेवा में ही रत रहते थे (राधेश्या
All you want is to see me grow
किसी के प्रति बहुल प्रेम भी
आज का युद्ध, ख़ुद के ही विरुद्ध है
" इस दशहरे १२/१०/२०२४ पर विशेष "
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
अद्वितीय प्रकृति
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
वो तमन्नाएं भी ज़िद पे उतर आईं हैं,
#जब से भुले द्वार तुम्हारे
तुमने - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
अब चिंतित मन से उबरना सीखिए।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
#जिन्दगी ने मुझको जीना सिखा दिया#