मैं आग नही फिर भी चिंगारी का आगाज हूं,
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
मईया का ध्यान लगा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ख्वाहिशों के बोझ मे, उम्मीदें भी हर-सम्त हलाल है;
*बाल गीत (मेरा प्यारा मीत )*
जी तो हमारा भी चाहता है ,
उसके पास से उठकर किसी कोने में जा बैठा,
*टहलें थोड़ा पार्क में, खुली हवा के संग (कुंडलिया)*
फूलों की महक से मदहोश जमाना है...
ज़िंदगी में एक बार रोना भी जरूरी है
हिन्दी दोहा बिषय-जगत
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
■ वक़्त का हर सबक़ एक सौगात।👍
कोशिश करना आगे बढ़ना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
है सियासत का असर या है जमाने का चलन।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"