पूरे शहर का सबसे समझदार इंसान नादान बन जाता है,
जनता मारेगी कोड़ा
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
57...Mut qaarib musamman mahzuuf
न चिंता आज की करों न कल की।
यही मेरे दिल में ख्याल चल रहा है तुम मुझसे ख़फ़ा हो या मैं खुद
माँ-बाप का मोह, बच्चे का अंधेरा
"हमें छोड़कर बीच में न जाना बाबा"
“*आओ जाने विपरीत शब्द के सत्य को*”
बुंदेली दोहा-सुड़ी (इल्ली)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'