Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jan 2024 · 1 min read

सु धिकी सुगन्ध

मेरे तापस!
मेरे योगी!
कई युगों के बाद कहीं से
मुझे तुम्हारी सुगन्ध आई
आँखें छलकीं,
मन भीगा
यादों की पँखुड़ियाँ ले
सुधि की तितली
ओस में खूब नहाई

मेरे तापस!
तुम क्यों भगवा पहने बैठे?
सृष्टा की रचना
इस सृष्टि का रस
क्योंकर तुम्हें न भाया
आओ! मन के सागर में
सुधि की नौका पर बैठ
पुराने मधुर मिलन की सुरसरि में हम
बह-बह जाएँ
मन पर जमे समय के मैल को
आओ चलो कहीं धो डालें

मेरे तापस!
मेरे सन्यासी!
जीवन की संध्या आई
आओ डालें हाथ-हाथ में
हम सरयू में
राम सरीखी जल समाधि ले लें
सो जाएँ

मेरे तापस!
मेरे योगी!
मेरे सन्यासी-ओ-मेरे मन
थक गए चरण
जीवन के दुर्गम पथ पर चलते
यह भगवा उपवीत तुम्हारा
तेरा सूनापन भी सारा
ओढ़ चलो
दोनों सो जाएँ
दूर कहीं पर
हम खो जाएँ
मेरे सन्यासी ओ-मेरे मन
चल फैल गगन बन

76 Views

You may also like these posts

तेवरी में करुणा का बीज-रूप +रमेशराज
तेवरी में करुणा का बीज-रूप +रमेशराज
कवि रमेशराज
तुम्हें युग प्रवर्तक है शत-शत नमन।।
तुम्हें युग प्रवर्तक है शत-शत नमन।।
अनुराग दीक्षित
உனக்கு என்னை
உனக்கு என்னை
Otteri Selvakumar
ओ जोगी ध्यान से सुन अब तुझको मे बतलाता हूँ।
ओ जोगी ध्यान से सुन अब तुझको मे बतलाता हूँ।
Anil chobisa
79kingpress
79kingpress
79kingpress
मशहूर कवि शंकरलाल द्विवेदी
मशहूर कवि शंकरलाल द्विवेदी
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
भारत बनाम इंडिया
भारत बनाम इंडिया
Harminder Kaur
वेदना वेदना की
वेदना वेदना की
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
*होली*
*होली*
Dr. Vaishali Verma
थी हवा ख़ुश्क पर नहीं सूखे - संदीप ठाकुर
थी हवा ख़ुश्क पर नहीं सूखे - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
नृत्य से बड़ा कोई योग नही।
नृत्य से बड़ा कोई योग नही।
Rj Anand Prajapati
बीज उजाळी भादवै, उमड़ै भगत अपार।
बीज उजाळी भादवै, उमड़ै भगत अपार।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
क्यों नहीं लोग.....
क्यों नहीं लोग.....
Ajit Kumar "Karn"
मलाल है मगर इतना मलाल थोड़ी है
मलाल है मगर इतना मलाल थोड़ी है
पूर्वार्थ
आपकी मेहरबानी है।
आपकी मेहरबानी है।
Jyoti Roshni
झूठे लोग सबसे अच्छा होने का नाटक ज्यादा करते हैंl
झूठे लोग सबसे अच्छा होने का नाटक ज्यादा करते हैंl
Ranjeet kumar patre
क्या हो, अगर कोई साथी न हो?
क्या हो, अगर कोई साथी न हो?
Vansh Agarwal
हर एक मन्जर पे नजर रखते है..
हर एक मन्जर पे नजर रखते है..
डॉ. दीपक बवेजा
कुंडलिनी छंद
कुंडलिनी छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
बात बनती हो जहाँ,  बात बनाए रखिए ।
बात बनती हो जहाँ, बात बनाए रखिए ।
Rajesh Tiwari
59...
59...
sushil yadav
" हल "
Dr. Kishan tandon kranti
* प्यार का जश्न *
* प्यार का जश्न *
surenderpal vaidya
जन्नत का हरेक रास्ता, तेरा ही पता है
जन्नत का हरेक रास्ता, तेरा ही पता है
Dr. Rashmi Jha
‍ *राम-राम रटते तन त्यागा (कुछ चौपाइयॉं)*
‍ *राम-राम रटते तन त्यागा (कुछ चौपाइयॉं)*
Ravi Prakash
अहंकार का बीज, आज वृक्ष बन गया।
अहंकार का बीज, आज वृक्ष बन गया।
श्याम सांवरा
कर्म
कर्म
इंजी. संजय श्रीवास्तव
कोई भी
कोई भी
Dr fauzia Naseem shad
सच-झुठ
सच-झुठ
Mansi Kadam
ख़ाली हाथ
ख़ाली हाथ
Shashi Mahajan
Loading...