जिंदगी की राह में हर कोई,
ज़िन्दगी से नहीं कोई शिकवा,
वज़्न -- 2122 2122 212 अर्कान - फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन बह्र का नाम - बह्रे रमल मुसद्दस महज़ूफ
ये जो मुहब्बत लुका छिपी की नहीं निभेगी तुम्हारी मुझसे।
मैं लिखूं अपनी विरह वेदना।
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
लड़की किसी को काबिल बना गई तो किसी को कालिख लगा गई।
इश्क़ भी इक नया आशियाना ढूंढती है,
जिन्दगी कभी नाराज होती है,
मुझसे जुदा होके तू कब चैन से सोया होगा ।
One day you will realized that happiness was never about fin
*जन्म लिया है बेटी ने तो, दुगनी खुशी मनाऍं (गीत)*
खयालों ख्वाब पर कब्जा मुझे अच्छा नहीं लगता
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD