Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jul 2024 · 1 min read

सुलझा हुआ सा समझते हैं मुझको लोग…

सुलझा हुआ सा समझते हैं मुझको लोग…
उलझा हुआ सा मुझमें, कोई दूसरा भी है…

~✨🤍

41 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कविता-आ रहे प्रभु राम अयोध्या 🙏
कविता-आ रहे प्रभु राम अयोध्या 🙏
Madhuri Markandy
फ़साने
फ़साने
अखिलेश 'अखिल'
टूट कर भी
टूट कर भी
Dr fauzia Naseem shad
राम तेरी माया
राम तेरी माया
Swami Ganganiya
प्रश्न ......
प्रश्न ......
sushil sarna
बसंत (आगमन)
बसंत (आगमन)
Neeraj Agarwal
"वेरियर एल्विन"
Dr. Kishan tandon kranti
गीत, मेरे गांव के पनघट पर
गीत, मेरे गांव के पनघट पर
Mohan Pandey
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
निकल पड़े है एक बार फिर नये सफर पर,
निकल पड़े है एक बार फिर नये सफर पर,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
छोटे भाई को चालीस साल बाद भी कुंडलियां कंठस्थ रहीं
छोटे भाई को चालीस साल बाद भी कुंडलियां कंठस्थ रहीं
Ravi Prakash
लिखना है मुझे वह सब कुछ
लिखना है मुझे वह सब कुछ
पूनम कुमारी (आगाज ए दिल)
बेहिसाब सवालों के तूफान।
बेहिसाब सवालों के तूफान।
Taj Mohammad
*तेरी याद*
*तेरी याद*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
लोकतंत्र का खेल
लोकतंत्र का खेल
Anil chobisa
क़िताबों से मुहब्बत कर तुझे ज़न्नत दिखा देंगी
क़िताबों से मुहब्बत कर तुझे ज़न्नत दिखा देंगी
आर.एस. 'प्रीतम'
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
दिनाक़ 03/05/2024
दिनाक़ 03/05/2024
Satyaveer vaishnav
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
महोब्बत के नशे मे उन्हें हमने खुदा कह डाला
महोब्बत के नशे मे उन्हें हमने खुदा कह डाला
शेखर सिंह
तेरा मेरा साथ
तेरा मेरा साथ
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
विश्वास
विश्वास
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
यादों को कहाँ छोड़ सकते हैं,समय चलता रहता है,यादें मन में रह
यादों को कहाँ छोड़ सकते हैं,समय चलता रहता है,यादें मन में रह
Meera Thakur
क्या सितारों को तका है - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
क्या सितारों को तका है - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
प्रणय गीत --
प्रणय गीत --
Neelam Sharma
ଏହା ହେଉଛି ଭଗବାନଙ୍କ ଭାଗ୍ୟ
ଏହା ହେଉଛି ଭଗବାନଙ୍କ ଭାଗ୍ୟ
Otteri Selvakumar
दुनिया बदल गयी ये नज़ारा बदल गया ।
दुनिया बदल गयी ये नज़ारा बदल गया ।
Phool gufran
सुना था,
सुना था,
हिमांशु Kulshrestha
लिखें हैं नगमें जो मैंने
लिखें हैं नगमें जो मैंने
gurudeenverma198
4024.💐 *पूर्णिका* 💐
4024.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
Loading...