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31 Mar 2024 · 1 min read

सुलगती आग हूॅ॑ मैं बुझी हुई राख ना समझ

सुलगती आग हूॅ॑ मैं बुझी हुई राख ना समझ
जिंदा हूॅ॑ अभी तो मैं तूॅ॑ मुझे ख़ाक ना समझ
इल्जाम देकर मुझे दुनिया नई बसाने वाले
पाक थी मेरी मोहब्बत तूॅ॑ नापाक ना समझ

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