सुलगती आग हूॅ॑ मैं बुझी हुई राख ना समझ
सुलगती आग हूॅ॑ मैं बुझी हुई राख ना समझ
जिंदा हूॅ॑ अभी तो मैं तूॅ॑ मुझे ख़ाक ना समझ
इल्जाम देकर मुझे दुनिया नई बसाने वाले
पाक थी मेरी मोहब्बत तूॅ॑ नापाक ना समझ
सुलगती आग हूॅ॑ मैं बुझी हुई राख ना समझ
जिंदा हूॅ॑ अभी तो मैं तूॅ॑ मुझे ख़ाक ना समझ
इल्जाम देकर मुझे दुनिया नई बसाने वाले
पाक थी मेरी मोहब्बत तूॅ॑ नापाक ना समझ