सुर सुन्दरी
जलहरण घनाक्षरी
चारों चरणों में
8,8,8,8वर्ण
अंत दो लघु
सुर सुन्दरी
लोचन चंचल सोहे,
काया कंचन सोहे,
लोचे वाणी अधरों की,
मधुरम मधुरम।
है चाल गजगामिनी,
चमक मुख दामिनी,
अलकों में शशि लिए,
हंसे मद्धिम मद्धिम।
कटि लचकत डाली,
भरमाती वनमाली,
जैसे पवन झुलाती,
पादपम पादपम।
रति जैसा रूप छाए,
फूलों जैसा तन भाए,
आभा चहुं ओर जाए,
सुंदरम सुंदरम।
ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर हिमाचल प्रदेश