सुरक्षा कवच
लघुकथा
सुरक्षा कवच
“हें ये क्या है सर ? इस कार की स्पीडोमीटर में मेरी फैमिली फोटो ? माजरा क्या है ?” ड्राइवर रमेश ने आश्चर्यचकित होकर मालिक से पूछा।
“रमेश, आज से ये गाड़ी तुम ही चलाओगे। मेरी सभी गाड़ियों की स्पीडोमीटर में उसके ड्राइवर की फैमिली फोटो लगी होती है।” मालिक ने बताया।
“पर ऐसा क्यों सर ?” रमेश ने जिज्ञासावश पूछा।
“इसलिए कि ड्राइवर हमेशा गाड़ी चलाते समय सतर्क रहें। उन्हें याद रहे कि घर में उनके परिजन उसका इंतजार कर रहे हैं।” मालिक ने समझाया।
“वाह सर, मानना पड़ेगा आपको। क्या खूब दिमाग लगाया है आपने।” खुशी से झूमते हुए रमेश ने कहा।
– डॉ प्रदीप कुमार शर्मा
रायपुर, छत्तीसगढ़