*”सुमिरन “*
“सुमिरन”
जब होवे दुःखी मन ,
जप तप सुमिरन ,
प्रभु आस ये लगन ,
गहन चिंतन मनन।
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सादर करूँ नमन ,
प्रभु तेरा सुमिरन ,
साक्षी भाव अंतर्मन ,
हर पल भज कीर्तन ।
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गाये प्रभु गुणगान ,
राम नाम जपे मन ,
कर प्रभु सुमिरन ,
हर पल कर भजन।
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बोले न कटु वचन ,
हाथ जोड़ के नमन ,
नैनो से करे दर्शन ,
आत्मा पवित्र मनन ।
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शशिकला व्यास ✍️