सुबह
सुबह एक ऐसा शब्द जिसे सुनते ही मन में आता हैं नई शुरुआत जो अदभुद आत्मविश्वास से भरी हो, सकरामकता से भरी हो और अगर इसमे दिन का लक्ष्य भी शर्मिल हो की क्या पाना है, कहा पहुँचना है जीवन मे तो सुबह की बात ही कुछ अलग होती है।
सुबह उठते ही वो पंछीयों की आवजे, मंदिर मे पूजा होते हुए बजती घंटियों की आवाज तथा ठंडी ठंडी चलने वाली हवाएं जो भीनी भीनी खुशबु लिए होती है बड़ी मनमोहक होती हैं सुबह होना कुछ वैसा ही लगता है जैसे किसी नवजीवन की शुरुवात हो रही हो प्रकृति और ईश्वर के आशीर्वाद से।
सुबह होते ही हर प्राणी अपने अपने कामों मे बहुत ही निष्ठा और मेहनत से लग जाता है और इस सुबह के लिए दिनभर ईश्वर का धन्यवाद करता हैं।
एक और बात की अगर सुबह दिन की शुरुआत अगर किसी वन मे हो, नदी के किनारे हो, वादियों के बीच अर्थात प्रकृति की गोद मे हो तो कुछ अलग ही आनंद भरा होता हैं
अब सुबह की शुरुआत करने के कुछ तरीके:-
1. रॉबिंन शर्मा द्वारा लिखी किताब ‘The 5am Club’ अनुसार सुबह के 5 बजे उठकर 5-6 बजे के समय का उपयोग तीन भाग मे बाटकर करे 1 बीस मिनट मे व्यायाम करे 2 बीस मिनट मे चिंतन मनन करे और आखिरी के 3 बीस मिनट मे कोई भी खुद को अच्छी बनाने वाली कोई भी किताब पढ़े।
2. सुबह 4 बजे बृह्ममुहूर्ट होता है तो इस समय शांति होने के कारण और मन शांत होने के कारण चीज़े जल्दी याद होती हैं।