सुबह
प्रात:काल के समय जब
हवा चल रही थी मीठी-मीठी
हम उठ गये
लेकर सर्वशक्तिमान का नाम
करनें लगे लोगों से
मिलना-जुलना कितने लोग लगे सहृदय और
कितने थे हिंसा-अहिंसा का मिला-जुला रूप
हमने सोचा इनसे निजात पाना टेढ़ी खीर है
हमारी भी अजीब तकदीर है।
मौलिक व अप्रकाशित