#सुप्रभात-
#सुप्रभात-
(इन पंक्तियों के साथ)
“ये याद रहे विषदंशों को,
आंसू से धोना ठीक नहीं।
मोहित हो जाना ठीक मगर,
सम्मोहित होना ठीक नहीं।।
【प्रणय प्रभात】
#सुप्रभात-
(इन पंक्तियों के साथ)
“ये याद रहे विषदंशों को,
आंसू से धोना ठीक नहीं।
मोहित हो जाना ठीक मगर,
सम्मोहित होना ठीक नहीं।।
【प्रणय प्रभात】