सुप्रभात
सुप्रभात
भोर और रात्रि का
नेहपगा आलिंगन हो
भँवरों का मधु गुंजन हो
पुष्पों का नव सृजन हो वायु सी निष्पक्षता हो
सूर्य सा समर्पण हो
दिवस सर्वथा नूतन यह
सद्कर्मो में अर्पण हो ।।।
सीमा वर्मा
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