*सुप्रभातम*
#मुक्तक-
■ जुड़ाव हो मूल से।।
[प्रणय प्रभात]
“देह नश्वर हो भले ही,
शाश्वत से युति करो।
मोह छोड़ो रश्मियों का,
सौर की स्तुति करो।।”
😊😊😊😊😊😊😊😊😊
#मन्तव्य-
माध्यमों के बजाय मूल की साधना कल्याणकारी है। जुड़ाव केंद्र से हो तो सब सरल व सरस् है।
●संपादक/न्यूज़&व्यूज़●
श्योपुर (मध्यप्रदेश)