सुपथ
चल मत कुपथ -कुपथ
चलना है तो चल
सत्य -पथ, सत्य -पथ, सत्य – पथ l
अरे अकिंचन! कर चिंतन – मनन
प्रस्थान से पूर्व
पहचान पथ, पहचान पथ, पहचान पथ l
स्व – जन, परि -जन, प्रिय -जन
राह में खड़े कह रहे
रोक रथ, रोक रथ , रोक रथ l
निश्चय कर जाना किधर है
रश्मि – रथ है तुम्हारा, चल
राज -पथ, राज -पथ, राज -पथ l
तू न तन्हा है, न तू अकेला
लेकर सबका साथ चल
अन्याय -वध, अन्याय वध, अन्याय वध l
तू युधिष्टर है / तू अर्जुन है
कुशल सारथी है, गीता का ज्ञान है
न्याय- पथ,न्याय पथ,न्याय -पथ l
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@रचना – घनश्याम पोद्दार
मुंगेर