सुन्दर सजा दरबार
**सुन्दर सजा दरबार (माँ की भेंट)**
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सुन्दर सजा है दरबार मैया रानी का,
फल-फूलों भरा दरबार मैया रानी का।
दुर्गा माता के नौ नवरात्रे हैं आए,
देवी रूपों से मंदिर भवन है सजाए,
मनोहर लगता परिवार मैया रानी का।
फल-फूलों भरा दरबार मैया रानी का।
घर-घर में माता रानी की जोत जली है,
बागों में खिली हो जैसे कली-कली है,
मनमोहक बहुत संसार मैया रानी का।
फक-फूलों भरा दरबार मैया रानी का।
दिव्य- सलोनी – करुणार्द्र माँ की सूरत,
मनोहारी – मनभावन-ममतामयी मूरत,
हर रूप बड़ा अपरम्पार मैया रानी का।
फल-फूलों भरा दरबार मैया रानी का।
माँ तेरे दर का बना मनसीरत सवाली,
द्वार तेरे से कभी कोई जाए न खाली,
मोतियों से भरा भंडार मैया रानी का।
फल- फूलों भरा दरबार मैया रानी का।
सुन्दर सजा है दरबार मैया रानी का।
फल ;फूलों भरा दरबार मैया रानी का।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)