Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Mar 2024 · 1 min read

सुनो…

सुनो…
ज़ख्म तो हैं, भर भी जायेंगे
हाँ, तन्हा भी हूँ, और है दर्द भी
पर……
मैं ठीक हूॅं,
तुम मेरी फ़िक्र..
मेरा ज़िक्र मत करना

हिमांशु Kulshrestha

183 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

हाय री गरीबी कैसी मेरा घर  टूटा है
हाय री गरीबी कैसी मेरा घर टूटा है
कृष्णकांत गुर्जर
अब चुप रहतेहै
अब चुप रहतेहै
Seema gupta,Alwar
मतदान
मतदान
Kanchan Khanna
जिदंगी भी साथ छोड़ देती हैं,
जिदंगी भी साथ छोड़ देती हैं,
Umender kumar
बाद मुद्दत के
बाद मुद्दत के
Meenakshi Bhatnagar
संवेदना
संवेदना
Anuja Kaushik
" गलतियाँ "
Dr. Kishan tandon kranti
चाह नहीं मुझे , बनकर मैं नेता - व्यंग्य
चाह नहीं मुझे , बनकर मैं नेता - व्यंग्य
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
The Saga Of That Unforgettable Pain.
The Saga Of That Unforgettable Pain.
Manisha Manjari
आंखों से
आंखों से
*प्रणय*
नाटक नौटंकी
नाटक नौटंकी
surenderpal vaidya
जनहरण घनाक्षरी
जनहरण घनाक्षरी
Rambali Mishra
मेरी ही नकल
मेरी ही नकल
Nitu Sah
शर्ट के टूटे बटन से लेकर
शर्ट के टूटे बटन से लेकर
Ranjeet kumar patre
तेवरी-आन्दोलन परिवर्तन की माँग +चरनसिंह ‘अमी’
तेवरी-आन्दोलन परिवर्तन की माँग +चरनसिंह ‘अमी’
कवि रमेशराज
"इश्क़ वर्दी से"
Lohit Tamta
बारम्बार प्रणाम
बारम्बार प्रणाम
Pratibha Pandey
झरते फूल मोहब्ब्त के
झरते फूल मोहब्ब्त के
Arvina
#नींव के पत्थर
#नींव के पत्थर
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
जमाने के तजुर्बे ने
जमाने के तजुर्बे ने
RAMESH SHARMA
जय मातु! ब्रह्मचारिणी,
जय मातु! ब्रह्मचारिणी,
Neelam Sharma
अमर ...
अमर ...
sushil sarna
2737. *पूर्णिका*
2737. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तू दुर्गा , तू पार्वती है
तू दुर्गा , तू पार्वती है
लक्ष्मी सिंह
यदि है कोई परे समय से तो वो तो केवल प्यार है
यदि है कोई परे समय से तो वो तो केवल प्यार है " रवि " समय की रफ्तार मेँ हर कोई गिरफ्तार है
Sahil Ahmad
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तुम्हारा
तुम्हारा
Varun Singh Gautam
!! पर्यावरण !!
!! पर्यावरण !!
Chunnu Lal Gupta
बावजूद टिमकती रोशनी, यूं ही नहीं अंधेरा करते हैं।
बावजूद टिमकती रोशनी, यूं ही नहीं अंधेरा करते हैं।
ओसमणी साहू 'ओश'
मुक्तक7
मुक्तक7
Dr Archana Gupta
Loading...