Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Sep 2023 · 1 min read

सुनो सखी !

सुनो सखी ! तुम कैसी हो ?
जैसी पहले थी क्या अब भी वैसी हो ?
या मेरी तरह आंसू झुर्रियों में छिपा लेती हो ,
कोई हाल पूछता है तो मुस्कुरा लेती हो ।
मैं नहीं देख पाती दीवार के उस पार तुम्हें ,
मगर मैं हर रोज सुनती हूं ,
तुम पर कसते हुए उन तानों को ,
तुम्हारी दो रोटियां , बच्चों पर कितनी भारी हैं !
सखी परेशान मत हो , आज तुम्हारे साथ है
कल मेरी भी तो बारी है ।
देखो ना ! ये तुम्हारे सफेद बाल कितने उलझे हैं ?
जैसे बाल न हों जिंदगी हो ,
मैंने सुना है हमारे बेटे हमें वृद्धाश्रम भेजना चाहते हैं ,
जैसे हम उनकी मां नहीं ,उनके घर में गंदगी हों ।
कितनी अजीब बात है ना !
एक मुद्दत के बाद तुम्हें देखा है ।
अब क्या कहें अपने दुख सखी ?
ये सब किस्मत का लेखा है ।
सुनो सखी ! अब घुटने बूढ़े हो चले हैं ,
चैन की नींद सोए कई रोज हो गए ,
जिनके लिए किया जीवन समर्पित ,
उनके लिए हम बोझ हो गए ।
सुनो सखी ! अब चलती हूं ,
डरती हूं कोई सुन न ले !
और फिर क्या पता ये हमारी आखिरी मुलाकात हो ?
आज तो मुंडेर पर हुई हैं ,
क्या पता दोबारा वृद्धाश्रम में बात हो ?

मंजू सागर
गाजियाबाद

Tag: Poem
2 Likes · 1 Comment · 363 Views

You may also like these posts

"मधुमास बसंत"
राकेश चौरसिया
पत्थर (कविता)
पत्थर (कविता)
Pankaj Bindas
वक्त के साथ
वक्त के साथ
Chitra Bisht
बसंत
बसंत
Bodhisatva kastooriya
लक्ष्य
लक्ष्य
Mansi Kadam
- उसकी कशिश मुझको उसकी और खीचती जाए -
- उसकी कशिश मुझको उसकी और खीचती जाए -
bharat gehlot
सुखराम दास जी के दोहे
सुखराम दास जी के दोहे
रेवन्त राम सुथार
पेड़ लगाओ
पेड़ लगाओ
Anop Bhambu
आखिर इतना गुस्सा क्यों ? (ग़ज़ल )
आखिर इतना गुस्सा क्यों ? (ग़ज़ल )
ओनिका सेतिया 'अनु '
ज़िंदगी नही॔ होती
ज़िंदगी नही॔ होती
Dr fauzia Naseem shad
हम जिसे प्यार करते हैं उसे शाप नहीं दे सकते
हम जिसे प्यार करते हैं उसे शाप नहीं दे सकते
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कब बरसोगे बदरा
कब बरसोगे बदरा
Slok maurya "umang"
आर्या कंपटीशन कोचिंग क्लासेज केदलीपुर ईरनी रोड ठेकमा आजमगढ़।
आर्या कंपटीशन कोचिंग क्लासेज केदलीपुर ईरनी रोड ठेकमा आजमगढ़।
Rj Anand Prajapati
उम्मीद
उम्मीद
NAVNEET SINGH
"अहसास मरता नहीं"
Dr. Kishan tandon kranti
तन्हा चलती जिदंगी,
तन्हा चलती जिदंगी,
sushil sarna
कलमबाज
कलमबाज
Mangilal 713
कैलेंडर फिर बदल जाएगा
कैलेंडर फिर बदल जाएगा
Dheerja Sharma
वो हर रोज़ आया करती है मंदिर में इबादत करने,
वो हर रोज़ आया करती है मंदिर में इबादत करने,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जमात
जमात
AJAY AMITABH SUMAN
क्यों शमां मुझे लगे मधुमास ही तो है ।
क्यों शमां मुझे लगे मधुमास ही तो है ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
मोहब्बत के लिए गुलकारियां दोनों तरफ से है। झगड़ने को मगर तैयारियां दोनों तरफ से। ❤️ नुमाइश के लिए अब गुफ्तगू होती है मिलने पर। मगर अंदर से तो बेजारियां दोनो तरफ से हैं। ❤️
मोहब्बत के लिए गुलकारियां दोनों तरफ से है। झगड़ने को मगर तैयारियां दोनों तरफ से। ❤️ नुमाइश के लिए अब गुफ्तगू होती है मिलने पर। मगर अंदर से तो बेजारियां दोनो तरफ से हैं। ❤️
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
शादी के बाद भी अगर एक इंसान का अपने परिवार के प्रति अतिरेक ज
शादी के बाद भी अगर एक इंसान का अपने परिवार के प्रति अतिरेक ज
पूर्वार्थ
भेज भी दो
भेज भी दो
हिमांशु Kulshrestha
💐 *दोहा निवेदन*💐
💐 *दोहा निवेदन*💐
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
लाल बहादुर
लाल बहादुर
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
मत गुजरा करो शहर की पगडंडियों से बेखौफ
मत गुजरा करो शहर की पगडंडियों से बेखौफ
©️ दामिनी नारायण सिंह
मोबाइल
मोबाइल
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
प्रकृति पूजन (कार्तिक मास)
प्रकृति पूजन (कार्तिक मास)
डॉ. शिव लहरी
कलियुग
कलियुग
Dr.sima
Loading...