“सुनहरे अवसर” #100 शब्दों की कहानी#
समय किसी का मोहताज नहीं होता, विषम-परिस्थितियों के घेरे में पति को खोने के बाद बच्चों की परवरिश की खातिर रमा को नौकरी करनी पड़ी । वह मन मसोस कर रह जाती, बच्चे छोटे हैं, उनको अमूल्य समय देने का अवसर खो रही हूं ।
फिर मन की शांति के लिए डायरी लिखने लगी, इसी बीच बच्चों ने मोम्सप्रेस्सो के साथ परिचय करवाया, बेहतरीन लेखनशैली के साथ मिली एक नवीन पहचान । साहित्य-क्षेत्र में प्रतिनिधित्व करने के मिलने लगे सुनहरे अवसर । आत्मनिर्भर बच्चों के स्वर, मां साथ रहकर पूरे कर ले अपने अरमान “अवसर बार-बार दस्तक नहीं देते” ।