सुकूनभरी चाय #100 शब्दों की कहानी#
मेरे पिताजी घर पर गिरने के कारण पैर में फ्रेक्चर होकर हड्डी ओवरलेप हो गयी, डॉक्टर ने तुरंत ही सर्जरी की सलाह दी । इससे पहले कि हम बहनें और हमारे पति कुछ निर्णय लेते, चाचाजी आए, बोले बेटा डॉक्टर की सलाह तो माननी पड़ेगी न ? ऐसा लगा मानो हिम्मत का आसरा मिल गया हो ।
अस्पताल में प्रार्थना करते बैठे, डॉक्टर ने बताया सर्जरी सफल हुई, फिर पापाजी के दोस्त वहां रूके । हम घर पहुंचे तो बेटा बोला, गरम-गरम चाय तैयार है, सभी ने सुकूनभरी चाय की चुस्की लेते हुए कहा, वाह-उस्ताद-वाह, जुग-जुग जीओ बेटा । यही आशीर्वाद तो जीवन में सफलता के मार्ग पर अग्रसर होने के लिए सहायक सिद्ध होता है ।