सुकर्मों से मिलती है
प्रयत्नों से मिल सकता है
कभी खोया हुआ सामान
लाख जतन से वापस नहीं
होता खोया हुआ सम्मान
बड़ी शिद्दत से कायम रखें
निज गरिमा और सम्मान
यही आपको दिला सकता
जग में ऊंचा ओहदा,स्थान
सुकर्मों से मिलती है इंसान
को दुनिया में कभी प्रसिद्धि
तभी इंसान की ख्याति में
होती जाती है निरंतर वृद्धि