Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Feb 2022 · 4 min read

सुंदर लाल इंटर कॉलेज में प्रथम काव्य गोष्ठी – कार्यशाला*

#सुंदरलाल_इंटर_कॉलेज_काव्यगोष्ठी_कार्यशाला #काव्यगोष्ठी_कार्यशाला

सुंदर लाल इंटर कॉलेज में आयोजित हुई प्रथम काव्य गोष्ठी – कार्यशाला*
?????????
सुंदर लाल इंटर कॉलेज, रामपुर में आज दिनांक 13 फरवरी 2021 ,शनिवार को दोपहर 2:15 से 3:00 तक छात्रों के मध्य “काव्य गोष्ठी – कार्यशाला” का आयोजन किया गया । यह एक प्रयोगधर्मी आयोजन था । जब हमारे हिंदी प्रवक्ता श्री ओम प्रकाश जी ने विद्यार्थियों को इस विचार से अवगत कराया और उनसे काव्यगोष्ठी -कार्यशाला में भाग लेने का निमंत्रण दिया तब ,ओम प्रकाश जी ने मुझे बताया कि ,कुछ छात्रों ने पूछा कि इससे फायदा क्या होगा ? क्या हमारे नंबर बढ़ जाएंगे ? ओम प्रकाश जी ने उन्हें जैसा उचित लगा होगा ,उत्तर से संतुष्ट कर ही दिया होगा । लेकिन फिर भी यह एक प्रश्न तो रहता ही है कि काव्यकला में प्रवेश भी अब पास और फेल होने में उलझ कर रह गया है । हर चीज का एक ही मतलब है ,वह हमें बाजार में कितना फायदा पहुंचा रही है? विद्यार्थी भी गलत नहीं थे । अगर कविता से जिंदगी में कुछ नहीं मिल पा रहा ,परीक्षाओं में कोई लाभ नहीं हो रहा, तब उस कविता का क्या करें ? लेकिन फिर भी जब मैंने दोपहर 1:30 बजे विद्यालय में कार्यशाला – काव्यगोष्ठी के बारे में मालूम किया तो प्रतिक्रिया बुरी नहीं थी । ओम प्रकाश जी का परिश्रम इस दृष्टि से और भी सराहनीय था कि आपने विद्यार्थियों को व्यक्तिगत रूप से टेलीफोन करके इसमें रुचि लेने के लिए आमंत्रित किया हुआ था । परिणाम अच्छा था ।
करीब एक दर्जन विद्यार्थी कार्यशाला में सम्मिलित हुए । तीन विद्यार्थी एक गीत लिख कर लाए थे । गीत इतना सुंदर और सुगठित था कि उसकी मौलिकता पर संदेह स्वयं हो रहा था । दो-चार मिनट में ही विद्यार्थियों ने इसे कहीं से चयनित करके लाने की बात स्वीकार की । मैंने फिर भी बधाई दी कि आपका चयन बहुत सुंदर तथा देशभक्ति, उत्साह और पुरुषार्थ को बढ़ाने वाला है । उनसे कविता गाने का आग्रह किया । उन्होंने पढ़कर सुनाया । सचमुच आनंद आ गया । लेकिन फिर मैंने उनको समझाया कि हमारी कार्यशाला मौलिक रूप से कविता लिखने के लिए आयोजित की गई है । आप कुछ भी लिखें, कितने भी टूटे – फूटे रूप में अपने आप को अभिव्यक्त करें, आपका स्वागत है । वास्तव में ऐसा करते – करते ही आप उच्च पद पर पहुंचेंगे । छात्रों ने कार्यशाला की मूल भावना को समझा और भविष्य में स्वयं कुछ लिखने का अपना संकल्प प्रकट किया।
वास्तव में कार्यशाला की सबसे बड़ी उपलब्धि मोहम्मद तालिब की वह कविता है, जो उन्होंने स्वयं लिखी है । कविता अभूतपूर्व है । जरा आनंद लीजिए :-
मैंने अब तक फैसला नहीं किया
■■■■■■■■■■■■■■■■
दिन ढलने को है और मैंने अब तक फैसला नहीं किया
कुछ और वक्त तुम्हारे साथ बिताना चाहता हूँ या अब तुम्हें खोना चाहता हूँ ?
मैं यूँ ही समेटे खुद को रहूँ या अब रोना चाहता हूँ मैं ?
दिन ढलने को है और मैंने अब तक फैसला नहीं किया ।
××××××××××××××××
हँसी छिड़क दूँ जरा हवा में
या टप – टप बहते आँसू बाँटूँ
खुद से दूर चला जाऊँ या अपनी ओर भागूँ ? दिन ढलने को है और मैंने अब तक फैसला नहीं किया
×××××××××××××××××××
रिश्ते जो सड़ गए हैं ,सीने को जकड़े हुए हैं
उन्हें संभालूँ या पनपने दूँ
या कुछ और देर ठहरने दूँ
या उतार कर फेंक दूँ
दर्द जो हो रहा है सीने में –
इसका मर्ज ढूंढ लूँ कोई
या इसे सहने की आदत डाल लूँ ?
दिन ढलने को है और मैंने अब तक फैसला नहीं किया
?????????
मैंने आश्चर्य से मोहम्मद तालिब से पूछा “आप किस कक्षा के विद्यार्थी हैं ?”
उत्तर आया “कक्षा 12″
” यह कविता आपने लिखी है ?”- मेरा अगला प्रश्न था ।
“जी हाँ ! मैंने खुद लिखी है ।”
” यह पहली कविता है या इससे पहले भी कोई कविता आप लिख चुके हैं ?”
जवाब में अपनी डायरी का पन्ना पलटते हुए मोहम्मद तालिब ने एक और कविता मेरे सामने रख दी ।
“इसके अलावा कोई और ?”
“हाँ ! लिखी तो हैं ! थोड़ी – थोड़ी लिखते रहते हैं ।”
“बहुत आश्चर्य की बात है ! कितने गहन दार्शनिक विचार आपकी कविता में प्रकट हुए हैं । मनोभावों को जिस सुंदरता से व्यक्त किया गया है ,जितनी प्रशंसा की जाए कम है ।”
अब मैंने मोहम्मद तालिब से काव्य पाठ का आग्रह किया । उन्होंने कविता पढ़ कर सुनाई। यह एक बहुत अच्छा प्रयोग रहा ।कम से कम हमें भविष्य का एक बेहतरीन कवि मिल चुका था। कुछ थोड़े – से शब्दों को व्याकरण की दृष्टि से ठीक करना था ।एक पंक्ति के बाद दूसरी पंक्ति पढ़ते समय कुछ विराम देना था और पैराग्राफ को बदलते समय कुछ जगह छोड़नी थी। यह छोटी-छोटी तकनीकी बातें हैं ,जिन्हें मैं न भी बताता तो मोहम्मद तालिब अपने आप जीवन के प्रवाह में इसे सीख जाते । काव्यगोष्ठी कार्यशाला के समापन के समय हम सब ने कविवर मोहम्मद तालिब के साथ कुछ फोटो लिये। एक सेल्फी भी ली । अब हमारी कार्यशाला का प्रथम चरण सफल था। एक मोती हमें मिल चुका था। हमने प्रोत्साहित किया ,बस केवल इतनी ही हमारी भूमिका थी । अंत में मैंने भी आज ही लिखी हुई अपनी एक कुंडलिया सुनाई। अंग्रेजी अध्यापक डॉ भारत सिंह जी ने एक प्रेरक कथा प्रस्तुत की । कार्यक्रम के सुंदर चित्र विद्यालय के रसायन-विज्ञान प्रवक्ता श्री मुरारी लाल जी ने खींच कर समारोह को यादगार बना दिया। प्रधानाचार्य श्री संजय कुमार तथा अन्य कई अध्यापक रुचिपूर्वक कार्यशाला में उपस्थित रहे।
??????????
लेखक : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
(प्रबंधक : सुन्दरलाल इंटर कॉलेज,रामपुर)

717 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
"नारायणपुर मड़ई मेला"
Dr. Kishan tandon kranti
थोड़ा पैसा कमाने के लिए दूर क्या निकले पास वाले दूर हो गये l
थोड़ा पैसा कमाने के लिए दूर क्या निकले पास वाले दूर हो गये l
Ranjeet kumar patre
पैसा बोलता है
पैसा बोलता है
पूर्वार्थ
*गणेश चतुर्थी*
*गणेश चतुर्थी*
Pushpraj Anant
चित्र आधारित चौपाई रचना
चित्र आधारित चौपाई रचना
गुमनाम 'बाबा'
*धरती हिली ईश की माया (बाल कविता)*
*धरती हिली ईश की माया (बाल कविता)*
Ravi Prakash
तुम वह सितारा थे!
तुम वह सितारा थे!
Harminder Kaur
बिल्ली की तो हुई सगाई
बिल्ली की तो हुई सगाई
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
3367.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3367.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
नसीब की चारदीवारी में कैद,
नसीब की चारदीवारी में कैद,
हिमांशु Kulshrestha
ममत्व की माँ
ममत्व की माँ
Raju Gajbhiye
* साथ जब बढ़ना हमें है *
* साथ जब बढ़ना हमें है *
surenderpal vaidya
এটি একটি সত্য
এটি একটি সত্য
Otteri Selvakumar
जी.आज़ाद मुसाफिर भाई
जी.आज़ाद मुसाफिर भाई
gurudeenverma198
*दीपक सा मन* ( 22 of 25 )
*दीपक सा मन* ( 22 of 25 )
Kshma Urmila
*आत्मविश्वास*
*आत्मविश्वास*
Ritu Asooja
मार मुदई के रे... 2
मार मुदई के रे... 2
जय लगन कुमार हैप्पी
छुप छुपकर मोहब्बत का इज़हार करते हैं,
छुप छुपकर मोहब्बत का इज़हार करते हैं,
Phool gufran
मनु
मनु
Shashi Mahajan
#बैठे_ठाले
#बैठे_ठाले
*प्रणय*
किसी सिरहाने में सिमट जाएगी यादें तेरी,
किसी सिरहाने में सिमट जाएगी यादें तेरी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पीने -पिलाने की आदत तो डालो
पीने -पिलाने की आदत तो डालो
सिद्धार्थ गोरखपुरी
किसी भी काम को बोझ समझने वाले अक्सर जिंदगी के संघर्षों और चु
किसी भी काम को बोझ समझने वाले अक्सर जिंदगी के संघर्षों और चु
Rj Anand Prajapati
मेरा साया ही
मेरा साया ही
Atul "Krishn"
🍁तेरे मेरे सन्देश- 9🍁
🍁तेरे मेरे सन्देश- 9🍁
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
इश्क में आजाद कर दिया
इश्क में आजाद कर दिया
Dr. Mulla Adam Ali
बहुजनों के हित का प्रतिपक्ष रचता सवर्ण सौंदर्यशास्त्र :
बहुजनों के हित का प्रतिपक्ष रचता सवर्ण सौंदर्यशास्त्र :
Dr MusafiR BaithA
कान्हा
कान्हा
Mamta Rani
बेटियां
बेटियां
Surinder blackpen
हे मां शारदे ज्ञान दे
हे मां शारदे ज्ञान दे
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
Loading...