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23 Jun 2018 · 1 min read

सुंदर तेरी मूरत है

तन से सुंदर मन से सुंदर सुंदर तेरी मूरत है।
चंचल चितवन मस्त अदायें अनुपम तेरी सूरत है।।

नैन नशीले ओंठ रसीले
बदन सजीला गदराए।
रूपबती फीकी लगती
उर्वशी रंभा भी शर्माए।।
रचनाकार ने रच डाली ये अनुपम तेरी मूरत है।
तन से सुंदर ……

छैल छबीली कमर लचीली
नागिन जैसे बलखाए
खुलें गेसू तो मेघ घटाएं
घुमड़-घुमड़ घिर छा जाए
मूरत अंकित दिल में ऐसी तू देवी तू तीरथ है।
तन से सुंदर ……

✍? अरविंद राजपूत ‘कल्प’

Language: Hindi
Tag: गीत
317 Views
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