सीने पर थीं पुस्तकें, नैना रंग हजार।
सीने पर थीं पुस्तकें, नैना रंग हजार।
आई फिर दुल्हन, परी, जाना घर संसार
चलचित्र सा जीवन रहा,बदले सब किरदार
लोरी, डोली, तराने, दुआ, दवा, बीमार।।
सूर्यकांत
सीने पर थीं पुस्तकें, नैना रंग हजार।
आई फिर दुल्हन, परी, जाना घर संसार
चलचित्र सा जीवन रहा,बदले सब किरदार
लोरी, डोली, तराने, दुआ, दवा, बीमार।।
सूर्यकांत