Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Aug 2024 · 1 min read

** सीने पर गहरे घाव हैँ **

** सीने पर गहरे घाव हैँ **
**********************

सीने पर गहरे घाव हैँ,
जीने के खोये चाव हैँ।

दिल में जो थे कब से दबे,
मन से निकले अब भाव हैँ।

बस्ती बदली – बदली लगे,
शहरों के तम में गाँव हैँ।

आँगन में निकली धूप भी,
शीतल बगिया की छाँव है।

जी लो जी भरकर जिन्दगी,
जीवन बाकी कुछ पाव है।

घटते – बढ़ते रहते सदा,
सहते आये हम ताव हैँ।

मनसीरत मन में तो प्रेम है,
नफरत में जलते दाव हैं।
**********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैंथल)

1 Like · 67 Views

You may also like these posts

जन्माष्टमी विशेष - फिर जन्म लेना
जन्माष्टमी विशेष - फिर जन्म लेना
Sudhir srivastava
हासिल जहाँ को करके भी
हासिल जहाँ को करके भी
Dr fauzia Naseem shad
घर के किसी कोने में
घर के किसी कोने में
आकांक्षा राय
आहत मन !
आहत मन !
Jaikrishan Uniyal
सजा दे ना आंगन फूल से रे माली
सजा दे ना आंगन फूल से रे माली
Basant Bhagawan Roy
युवा सपूतों
युवा सपूतों
Dr.Pratibha Prakash
मुहब्बत का मौसम है, बारिश की छीटों से प्यार है,
मुहब्बत का मौसम है, बारिश की छीटों से प्यार है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वो मेरी पाज़ेब की झंकार से बीमार है
वो मेरी पाज़ेब की झंकार से बीमार है
Meenakshi Masoom
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
विषय -'अनजान रिश्ते'
विषय -'अनजान रिश्ते'
Harminder Kaur
2533.पूर्णिका
2533.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
Why Doesn't mind listen?
Why Doesn't mind listen?
Bindesh kumar jha
भोजपुरी गजल
भोजपुरी गजल
अवध किशोर 'अवधू'
*अच्छा जिसका स्वास्थ्य है, अच्छा उसका हाल (कुंडलिया)*
*अच्छा जिसका स्वास्थ्य है, अच्छा उसका हाल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
#शुभ_प्रतिपदा
#शुभ_प्रतिपदा
*प्रणय*
नट का खेल
नट का खेल
C S Santoshi
प्रीतम के दोहे
प्रीतम के दोहे
आर.एस. 'प्रीतम'
सूप नखा का लंका पहुंचना
सूप नखा का लंका पहुंचना
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
मैं संपूर्णा हूं
मैं संपूर्णा हूं
Sarla Mehta
जश्न
जश्न
Rambali Mishra
* सत्य पथ पर *
* सत्य पथ पर *
surenderpal vaidya
"इच्छाएँ"
Dr. Kishan tandon kranti
सियासत जो रियासत खतम करके हम बनाए थे, सियासत से रियासत बनाने
सियासत जो रियासत खतम करके हम बनाए थे, सियासत से रियासत बनाने
Sanjay ' शून्य'
बाबा भीम आये हैं
बाबा भीम आये हैं
gurudeenverma198
ये काबा ये काशी हरम देखते हैं
ये काबा ये काशी हरम देखते हैं
Nazir Nazar
मुक्तक
मुक्तक
sushil sarna
पुष्प
पुष्प
इंजी. संजय श्रीवास्तव
मैं भी कवि
मैं भी कवि
DR ARUN KUMAR SHASTRI
वेलेंटाइन / मुसाफ़िर बैठा
वेलेंटाइन / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
Loading...