#सीधी_बात-
#सीधी_बात-
😊नए-नवेले मुक्तक के साथ😊
【प्रणय प्रभात】
“तू जितनी ख़ुद से बाहर है, मैं उतना ख़ुद के अंदर हूँ।
न तू मूली किसी के खेत की, ना मैं चुकंदर हूँ।।
मुझे क्या वास्ता बतला, कहीं की मल्लिकाओं से?
मैं अपने आप की दुनिया में जीता इक कलंदर हूँ।।”
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#कथ्य-
यह खोपड़ी की एलर्जी वालों के लिए एक डोज़ है जी!