सीता विरह
हाइकु
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सीता विरह
है परीक्षा राम की
व्याकुल जिया
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कौन है जीता
तुम बिन प्रेयसी
राम के सिया
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प्राण विवश
जंगल में तुमने
साथ है दिया
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तुम बिन तो
है तड़पन लागे
श्रीराम हिया
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इस सावन
विरहन ना होगी
जनक धिया
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राजन राम
संग विराजे अब
संगिनी सिया
©कुमार ठाकुर