सिर्फ चुटकुले पढ़े जा रहे कविता के प्रति प्यार कहां है।
सिर्फ चुटकुले पढ़े जा रहे कविता के प्रति प्यार कहां है।
कवियों को मंचों पर देखा काव्यजनित व्यवहार कहां है।।
दिनकर पंत निराला की समृद्ध विरासत कहां गई।
सृजनहीन संवाद दिख रहा साहित्यिक तकरार
कहां है।। “कश्यप”