सिर्फ़ वादे ही निभाने में गुज़र जाती है
सिर्फ़ वादे ही निभाने में गुज़र जाती है
ज़िन्दगी खाने कमाने में गुज़र जाती है
घर तो उनका भी गिरा देती हैं ये सरकारें
उम्र ही जिनकी बनाने में गुज़र जाती है
~अंसार एटवी
सिर्फ़ वादे ही निभाने में गुज़र जाती है
ज़िन्दगी खाने कमाने में गुज़र जाती है
घर तो उनका भी गिरा देती हैं ये सरकारें
उम्र ही जिनकी बनाने में गुज़र जाती है
~अंसार एटवी