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16 Jan 2024 · 1 min read

सिर्फ़ वादे ही निभाने में गुज़र जाती है

सिर्फ़ वादे ही निभाने में गुज़र जाती है
ज़िन्दगी खाने कमाने में गुज़र जाती है

घर तो उनका भी गिरा देती हैं ये सरकारें
उम्र ही जिनकी बनाने में गुज़र जाती है
~अंसार एटवी

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