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26 Sep 2019 · 1 min read

सियासत वो परिंदा है।

जहर पीकर भी जिंदा है, सियासत वो परिंदा है।
सना है खून से दामन, घोटालों का पुलिंदा है।
मदारी सा चुनावों में, नये करतब दिखाता है,
लगे सूरत से भोला पर, विचारों से दरिंदा है।

Language: Hindi
275 Views
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