सियासती यदि खाद
दिया खेत मे ईख के,सियासती यदि खाद ।
हो जाता है ईख भी, …..मीठे से बे-स्वाद ।।
फैलाएँ संदेह की, जहरीली जो आग !
राजनीति मे देश की, होते हैं वे नाग !!
रमेश शर्मा.
दिया खेत मे ईख के,सियासती यदि खाद ।
हो जाता है ईख भी, …..मीठे से बे-स्वाद ।।
फैलाएँ संदेह की, जहरीली जो आग !
राजनीति मे देश की, होते हैं वे नाग !!
रमेश शर्मा.