#सियमात लौटाओ तो कभी
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★ #सियमात लौटाओ तो कभी ★
आदिकवि के हे नरनायक गुनगुनाओ तो कभी
कबंधगाथा अनचाहा सच गाओ तो कभी
न मैं भरतहिसम भाई न तन के बाहर दूजे प्राण
लालसालवणासुर मुझीसे मुक्त कराओ तो कभी
घटनीय सूत्र एक में एक रहे शेष एक
इस घट में घटपति घटिताओ तो कभी
सपने सपने होते हैं सच में ही राम
भयातुर हूँ सपनों में दिख जाओ तो कभी
मेरे घर से अपने दर तक हे राघव
बिछाकर इस तन को सेतु बनाओ तो कभी
कानी सत्ता भारत की कटती बिलखती बेटियाँ
उठो धरती से भूपति सियमात लौटाओ तो कभी
आर्यावर्त की छाती धंसा म्लेच्छतीर
मर्यादापुरुषोत्तम सुनो ! सुश्रुताओ तो कभी
९४६६०१७३१२
#वेदप्रकाश लाम्बा
यमुनानगर (हरियाणा)