सिमटी हैं कलियाँ अगर
छोड़ रही हर क्षेत्र में , आज बेटियां छाप !
कहने वाले क्यूं कहें, कन्या को अभिशाप !!
उत्तरदायी कौन है, ….किसकी है ये भूल ।
सिमटी हैं कलियाँ अगर, खिले नहीं हैं फूल ।।
रमेश शर्मा.
छोड़ रही हर क्षेत्र में , आज बेटियां छाप !
कहने वाले क्यूं कहें, कन्या को अभिशाप !!
उत्तरदायी कौन है, ….किसकी है ये भूल ।
सिमटी हैं कलियाँ अगर, खिले नहीं हैं फूल ।।
रमेश शर्मा.