सिन्दूर (क्षणिकाएँ )…..
सिन्दूर (क्षणिकाएँ )…..
सजावट की
नहीं
निभाने की चीज है
सिन्दूर
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निभाने की नहीं
आजकल
सजावट की चीज है
सिन्दूर
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छीन लिया है
अर्थ
सिन्दूर का
वर्तमान के
बदले परिवेश ने
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प्रतीक है
दो साँसों के समर्पण की
अभिव्यक्ति का
सिन्दूर
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आरम्भ है
एक विश्वास के
उदय होने का
माथे पर अलंकृत
चुटकी भर
सिन्दूर
सुशील सरना /