*सिंह की सवारी (घनाक्षरी : सिंह विलोकित छंद)*
सिंह की सवारी (घनाक्षरी : सिंह विलोकित छंद)
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माता हैं पधारी वीर-वेशधारी ले के शस्त्र
भीषण-से शब्द रणभूमि में प्रदाता हैं
प्रदाता हैं संदेश शत्रुओं में बार-बार माता
युद्ध में निपुण रण-कौशल की ज्ञाता हैं
ज्ञाता हैं माँ अस्त्र और शस्त्र सब में प्रवीण
अभय की वरदान सब सुखदाता हैं
दाता हैं जगत-क्लेश जड़ से मिटाने वालीं
सिंह की सवारी का स्वरूप आज माता हैं
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रचयिता: रवि प्रकाश