साहित्य समाज मे वर्ग भेद भऽ जाउ नाश
साहित्य समाज मे वर्ग भेद भऽ जाउ नाश.
आउ सब मिली करू बेबहारीक तेहेन काज.
बिना जाति देखने सबहक आदर सबहक होइ सम्मान.
कारीगर बनाउत एहने मैथिली समावेशी मचान.
©किशन कारीगर
साहित्य समाज मे वर्ग भेद भऽ जाउ नाश.
आउ सब मिली करू बेबहारीक तेहेन काज.
बिना जाति देखने सबहक आदर सबहक होइ सम्मान.
कारीगर बनाउत एहने मैथिली समावेशी मचान.
©किशन कारीगर