साहित्यकार
हमने सत्ता को उसका कर्तव्य बताया है
भटके सिंहासन को सच्चा पथ दिखलाया है
जब जब राजमुकुट पर मद के बादल छाये हैं
तब तब रचनाओं को हमने छत्र बनाया है
© शैलेन्द्र ‘असीम’
हमने सत्ता को उसका कर्तव्य बताया है
भटके सिंहासन को सच्चा पथ दिखलाया है
जब जब राजमुकुट पर मद के बादल छाये हैं
तब तब रचनाओं को हमने छत्र बनाया है
© शैलेन्द्र ‘असीम’