सावन
मुक्तक
◆◆◆◆◆◆
झूले पड़े मन के बागों में
सुर बरसे सुरीली रागों में
आया सावन सखी झूम-झूम
खुशियाँ भरी हृदय-तड़ागों में !
*****
डॉ.अनिता जैन “विपुला”
मुक्तक
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झूले पड़े मन के बागों में
सुर बरसे सुरीली रागों में
आया सावन सखी झूम-झूम
खुशियाँ भरी हृदय-तड़ागों में !
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डॉ.अनिता जैन “विपुला”