सावन पर दोहे
सावन की हर बूँद पर,प्रीत कर रही शोध
हरियाली से हो गया , सुंदरता का बोध
सावन लाया प्रीत के,अहसासों का हार
हरियाली ने लिख दिया, सुंदरता का सार
हरियाली को ओढ़ कर, दुल्हन बनी बहार
रिमझिम पड़ी फुहार में, बही प्रीत रस धार
सपनों के उगने लगे, मन मे सुंदर बीज
खुशियाँ लेकर आ गयी, लो हरियाली तीज
07-08-2018
डॉ अर्चना गुप्ता