सावन की तरह
ख़्वाब में मुझसे वो लिपटे कभी नागन की तरह
हैं महकने लगीं साँसें मेरी चन्दन की तरह
एक मुद्दत से मेरे दिल की ज़मीं सूखी है
आइये आप ज़रा झूम के सावन की तरह
©️ शैलेन्द्र ‘असीम’
ख़्वाब में मुझसे वो लिपटे कभी नागन की तरह
हैं महकने लगीं साँसें मेरी चन्दन की तरह
एक मुद्दत से मेरे दिल की ज़मीं सूखी है
आइये आप ज़रा झूम के सावन की तरह
©️ शैलेन्द्र ‘असीम’