!सावधान!
!सावधान!
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अगर कोई यह सोच रहा है कि मेरा सामाजिक स्तर (ओहदा) मेरे बल पर है।
तो,
ठहरो यह सोचना आपका गलत है
सोचने से पहले एक बार जरुर तुलना कीजिए कि हमारे मां और बाप के रहते हुऐ हमारे सामाजिक स्तर (ओहदा) का ग्राफ कितना था और उनके जाने के बाद कितना है?
मां -बाप के जाने के बाद आपका सामाजिक स्तर (ओहदा) बढ़ा है तो निश्चित है कि यह आपकी काबेलियत है,,,,,,
इससे पहले अपने सामाजिक स्तर (ओहदा) के ग्राफ का मुल्यांकन करना केवल भ्रम है ।
शायर:- “जैदि”
एल.सी.जैदिया “जैदि”