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27 Jun 2022 · 1 min read

सारे यार देख लिए..

ग़ज़ल

रकीब देख लिए सारे यार देख लिए।
थे मेरे कत्ल में कितने शुमार देख लिए।।

ख्वाब सारे ही ज़मीदोज़ हो गए जो कभी।
चले थे वक्त पे हो कर सवार देख लिए।।

दबे दबे से लबों से किये थे जो उसने।
लहूलुहान थे कितने करार देख लिए।।

तेरे जुनून को यूँ सिर पे लिए फिरते हैं।
तेरी तलाश में कितने दयार देख लिए।।

तमन्नाओं पे लग सके वो ताला ढूँढने को।
हाट देखी हज़ार सब बाज़ार देख लिए।।

कि हौंसला बुलन्दियों पे ‘लहर’ है जबसे।
मरुथलों के लबों पर मल्हार देख लिए।।

Language: Hindi
1 Like · 326 Views
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