सारे द्वार खुले हैं हमारे कोई झाँके तो सही
सारे द्वार खुले हैं हमारे कोई झाँके तो सही , थक चुका है दिल अब कोई इसे थपथपाए तो सही ।। ना हो कोई गिला शिकवा ना हो कोई शिकायत , राहों में हम अकेले चल रहे हैं कोई हमे भी देख मुस्कुराये तो सही ।।
सारे द्वार खुले हैं हमारे कोई झाँके तो सही , थक चुका है दिल अब कोई इसे थपथपाए तो सही ।। ना हो कोई गिला शिकवा ना हो कोई शिकायत , राहों में हम अकेले चल रहे हैं कोई हमे भी देख मुस्कुराये तो सही ।।