सारे जहाँ से अच्छा है इंडिया हमारा (पैरोडी)
सारे जहाँ से अच्छा है इंडिया हमारा।
अपराध करो कोई, लगती नहीं है धारा।।टेक।।
आता चुनाव वोटर के पाँव चूमते हैं,
जीते तो खा के निधि को, मस्ती में झूमते हैं,
बन सांढ़ घूमते हैं, चरने को देश सारा।
सारे जहाँ से अच्छा है इंडिया हमारा।।1।।
बाहर हैं बेल पर जो, कर के बड़े घोटाले,
सड़कों पे आ गए हैं, वो नाग काले काले,
आँसू बहा रहा है, गणतंत्र बेसहारा।
सारे जहाँ से अच्छा है इंडिया हमारा।।2।।
रेपिस्ट और खूनी, सरकार चलाते हैं,
बच्चों को बरगलाकर, वो देश जलाते हैं,
मारो पुलिस को पत्थर, यह शत्रु है तुम्हारा।
सारे जहाँ से अच्छा है इंडिया हमारा।।3।।
दुष्टों के दल से दलदल में देश फँस रहा है,
औकात नहीं जिसकी, वह पाक हँस रहा है,
दुर्बल जो आज उनका, कोई नहीं सहारा।
सारे जहाँ से अच्छा है इंडिया हमारा।।4।।
© नन्दलाल सिंह ‘कांतिपति’
9919730863