सारी दुनिया के गम
कभी खुश हूं
कभी परेशान हूं
यह किसके अधीन हो जाती हूं मैं
मेरी भावनाओं पर किसका हो जाता है
नियंत्रण
बादशाह सी है मेरी फितरत फिर
कभी कभी अपनी
विपरीत परिस्थितियों की क्यों
गुलाम हो जाती हूं मैं
जीतकर भी हारा हुआ
महसूस करती हूं
यह क्या आदत है मेरी
सारी दुनिया के गम
अक्सर ही
अपनी खुशी के प्याले में
डालकर क्यों
पी जाती हूं मैं।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001