सारी खुशियां हैं तुम से,
भावी इतना प्यार हैं तुम पै,
सबसे अधिक भरोसा तुम पै,।
भईया के तुम संग में आई,
सब घर सोंपा हैं सब तुम पै,।
भावी खुशियां तुम्हारी दम पै,
सब घर को तुम बांधों ढंग से,।
आते ही तुमनें रिश्तें निभाएं,
घर में होत यमन से,।
भावी कैसों रिश्तों तुम्हारों हमसे,
भईया ने भी हमें गले लगाया,।
तुमनें छुपाया आंचल से,
भावी खुशियां तुम्हारी दम पै,।
Writer–Jayvind Singh Ngariya Ji