Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Sep 2024 · 1 min read

*साम्ब षट्पदी—*

साम्ब षट्पदी—
18/09/2024

(1)- प्रथम-तृतीय तथा चतुर्थ-षष्ठम तुकांत

सिंहासन।
बलपूर्वक ही,
करता है निर्वासन।।
संहिताओं में सदा आबद्ध।
किसी का सगा नहीं होता कभी भी,
सुख-ऐश्वर्य की लालसा करती नद्ध।।

(2)- प्रथम-द्वितीय, तृतीय-चतुर्थ, पंचम-षष्ठम तुकांत

सुखासन।
जैसे इंद्रासन।।
विश्रांति की मुद्रा महा।
महर्षि पतंजलि ने कहा।।
रीढ़ को सीधा रखकर करते।
पैर विपरीत पिंडली पर रहते।।

(3)- द्वितीय-चतुर्थ तथा षष्ठम, प्रथम तुकांत

कुशासन।
देश में व्याप्त है।
कुव्यवस्थाएँ हैं फैली,
जरूरतमंद ही आप्त है।
कोई भी सिंहस्थ हो जाये यहाँ पे,
झुलस रहा है देश आज हुताशन।।

— डॉ. रामनाथ साहू “ननकी”
संस्थापक, छंदाचार्य
(बिलासा छंद महालय, छत्तीसगढ़)

[][][][][][][][][][][][][][][][][][][][][][][][][][][][][][]

17 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हमनवा
हमनवा
Bodhisatva kastooriya
केवल
केवल
Shweta Soni
" बेजुबान "
Dr. Kishan tandon kranti
यह ज़िंदगी गुज़र गई
यह ज़िंदगी गुज़र गई
Manju Saxena
बाप की गरीब हर लड़की झेल लेती है लेकिन
बाप की गरीब हर लड़की झेल लेती है लेकिन
शेखर सिंह
हर बार बीमारी ही वजह नही होती
हर बार बीमारी ही वजह नही होती
ruby kumari
किसी भी बात पर अब वो गिला करने नहीं आती
किसी भी बात पर अब वो गिला करने नहीं आती
Johnny Ahmed 'क़ैस'
आज वही दिन आया है
आज वही दिन आया है
डिजेन्द्र कुर्रे
*लू के भभूत*
*लू के भभूत*
Santosh kumar Miri
3692.💐 *पूर्णिका* 💐
3692.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
वो कौन थी जो बारिश में भींग रही थी
वो कौन थी जो बारिश में भींग रही थी
Sonam Puneet Dubey
किस्सा
किस्सा
Dr. Mahesh Kumawat
नफसा नफसी का ये आलम है अभी से
नफसा नफसी का ये आलम है अभी से
shabina. Naaz
प्रश्न ......
प्रश्न ......
sushil sarna
मान तुम प्रतिमान तुम
मान तुम प्रतिमान तुम
Suryakant Dwivedi
जिन्दगी से शिकायत न रही
जिन्दगी से शिकायत न रही
Anamika Singh
मेरे कमरे में बिखरे हुए ख़त
मेरे कमरे में बिखरे हुए ख़त
हिमांशु Kulshrestha
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
"प्रकाशित कृति को चर्चा में लाने का एकमात्र माध्यम है- सटीक
*प्रणय प्रभात*
शालीनता की गणित
शालीनता की गणित
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
हे कान्हा
हे कान्हा
Mukesh Kumar Sonkar
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Rekha Drolia
तूने ही मुझको जीने का आयाम दिया है
तूने ही मुझको जीने का आयाम दिया है
हरवंश हृदय
मेरे भईया
मेरे भईया
Dr fauzia Naseem shad
ज़िन्दगी में सफल नहीं बल्कि महान बनिए सफल बिजनेसमैन भी है,अभ
ज़िन्दगी में सफल नहीं बल्कि महान बनिए सफल बिजनेसमैन भी है,अभ
Rj Anand Prajapati
मेरी निगाह को मेरे दिल का रास्ता कह लो
मेरी निगाह को मेरे दिल का रास्ता कह लो
सिद्धार्थ गोरखपुरी
जो द्वार का सांझ दिया तुमको,तुम उस द्वार को छोड़
जो द्वार का सांझ दिया तुमको,तुम उस द्वार को छोड़
पूर्वार्थ
*चली आई मधुर रस-धार, प्रिय सावन में मतवाली (गीतिका)*
*चली आई मधुर रस-धार, प्रिय सावन में मतवाली (गीतिका)*
Ravi Prakash
चांद भी आज ख़ूब इतराया होगा यूं ख़ुद पर,
चांद भी आज ख़ूब इतराया होगा यूं ख़ुद पर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तिश्नगी
तिश्नगी
Shyam Sundar Subramanian
Loading...