*साम्ब षट्पदी—*
साम्ब षट्पदी—
05/11/2024
(1)- प्रथम-तृतीय तथा चतुर्थ-षष्ठम तुकांत
अमानत।
दी है जो तुमने,
कर रहा हिफाजत।।
मालूम है जरूर आओगे।
इसे देखने के लिए एक दिन,
सलामत पाकर भी खुश हो जाओगे।।
(2)- प्रथम-द्वितीय, तृतीय-चतुर्थ, पंचम-षष्ठम तुकांत
बगावत।
मेरी है आदत।।
कहीं नहीं ठहरता।
अब तक मैं हूँ भटकता।।
आंतरिक गुणों में ये शुमार है।
मेरी नैया पर मेरा ही पतवार है।।
(3)- द्वितीय-चतुर्थ तथा षष्ठम, प्रथम तुकांत
इजाजत।
मुझे मिल जाये।
तो दिखा दूँ जमाने को,
शब्द कैसे अग्नि बरसाये।।
सत्य डरता है ये मत सोचना,
कुछ पल के लिए ही देता है राहत।।
— डॉ. रामनाथ साहू “ननकी”
संस्थापक, छंदाचार्य
(बिलासा छंद महालय, छत्तीसगढ़)
[][][][][][][][][][][][][][][][][][][][][][][][][][][][][][]