सामान है या वो नारी है
सड़को पे नोंचा जला दिया
कैसी छाई अंधियारी है
समझ नही आता मुझको
समान है वो या नारी है
घर बाहर बंदिस इतनी है
उसको हर जगह पे टोका
आगे न बढ़ जाये वो कही
इसलिये उसे पग पग रोका
निर्भया से लेके प्रियंका तक
न जाने कितनी बारी है
सड़कों पे नोंचा जला दिया
कैसी छाई अंधियारी है
समझ नही आता मुझको
समान है या वो नारी है
लेकर के बुलंद हौसले जब
घर के बाहर वो निकली
ये मर्यादा मान प्रतिष्ठा के
फंदों से जब वो बचली
तब सड़क गली चौराहो पे
कुछ नयन दंश से भारी है
सड़को पे नोंचा जला दिया
कैसी छाई अंधियारी है
समझ नही आता मुझको
समान है या वो नारी है
ये हाथ पैर सिर से समान
लगते सारे ही मानव है
हो दिव्य दृष्टि तो जान सके
इनमें से कितने दानव है
किस घड़ी चाँद का उजियाला
किसी घड़ी अमावस करी है
सड़को पे नोंचा जला दिया
कैसी छाई अंधियारी है
समझ नही आता मुझको
समान है या वो नारी है
अपमानित करती नजरो ने
तिल तिल उसको सुलगाया है
कलुयग में केवल कौरव है
या मोहन का भी साया है
यदि है तो कोई जंघा तोड़े
देखूँ वो कौन उपकारी है
सड़को पे नोंचा जला दिया
कैसी अंधियारी छाई है
समझ नही आता मुझको
समान है या वो नारी है
स्वरचित